महिंद्रा लाइफस्पेसेज® और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) की संयुक्त शोध पहल महिंद्रा-टेरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) ने गुरुग्राम में जल संबंधी संभावित चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट लॉन्च की है।
TERI हिंदी
महिंद्रा-टेरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने गुरुग्राम वाटर सस्टेनबिलिटी एसेसमेंट रिपोर्ट जारी की
News |
July 29, 2021
ध्यान रखना, कहीं धरती का हाल ईस्टर आइलैंड जैसा न हो जाए
Article |
June 15, 2021
आप अपनी संतानों से प्रेम करते हैं न, तो ये ईंट पत्थर के बंगले काम न आएंगे जिसे आप जोड़ रहे …काम आएगी शुद्ध हवा, साफ पानी, हरे जंगल, चहकते पक्षी…खेलते हिरण…झपटते शेर…यानी सम्पूर्ण जैवविविधता…!!!
वो कार्बन जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए है ज़रूरी
Videos |
June 8, 2021
कोस्टल इकोसिस्टम हमारी धरती के सबसे बड़े कार्बन स्टोरहॉउस हैं। लेकिन मानवीय गतिविधियों और भूमि उपयोग में बदलाव की वजह से ये खतरे में हैं। भारत की जलवायु परिवर्तन से निपटने की मुहीम में ब्लू कार्बन की भूमिका पर ध्यान देना ज़रूरी है।
लखनऊ में भूमिगत जल का दोहन मौजूदा रिचार्ज की तुलना में 17 गुना अधिक, टिकाऊ प्रबंधन की सख़्त ज़रूरत: टेरी
Press Release |
June 4, 2021
4 जून, 2021, नई दिल्ली: लखनऊ शहर पूर्व-मानसून अवधि में अपने भूमिगत जल सिस्टम में, वर्षा और गोमती नदी से होने वाले कुल रिचार्ज के मुकाबले, लगभग सत्रह गुना अधिक भूमिगत जल का दोहन कर रहा है। अगर ये दोहन इसी दर से चलता रहा तो साल 2031 तक मध्य लखनऊ के प्रमुख मोहल्लों में भूमिगत जल का स्तर वर्तमान स्तर से 20-25 मीटर नीचे चले जाने का अनुमान है। ये निष्कर्ष नई दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के साथ मिलकर किए गए एक अध्ययन में सामने आए हैं। इस अध्ययन को उत्तर प्रदेश भूमिगत जल विभाग, लखनऊ ने विश्व बैंक के सहयोग से प्राय
एक सूर्य, एक दुनिया और एक ग्रिड - भविष्य की तैयारी के लिए ज़रूरी
Press Release |
February 12, 2021
नई दिल्ली, 11 फरवरी, 2021: वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट के दूसरे दिन आयोजित हुई मुख्य इवेंट में लॉर्ड अडैर टर्नर, चेयर, एनर्जी ट्रांसिशन्स कमीशन, ने कहा," भारत और पूरी दुनिया में अक्षय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने और उसे स्थापित करने के लिहाज से बहुत तेज़ प्रगति हुई है। देश और कंपनियां नेट जीरो की तरफ कदम बढ़ रहे हैं। विकसित देशों ने 2050 तक नेट जीरो होने की तरफ अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है और विकाशील देशों ने 2060 ये सब दिखाता है कि हमे जीरो कार्बन इकॉनमी कैसे विकसित करनी है।"
क्लाइमेट चेंज से लड़ाई क्लाइमेट जस्टिस के रास्ते से गुज़रती है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Press Release |
February 10, 2021
नई दिल्ली, 10 फरवरी, 2021: द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के फ्लैगशिप इवेंट, वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (WSDS) के बीसवें संस्करण का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी द्वारा, 10 फ़रवरी 2021 को 1830 hrs IST बजे किया गया।
WSDS का आयोजन पूरी तरह से 10-12 फरवरी, 2021 के बीच ऑनलाइन किया किया जा रहा है। इस समिट में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में नेता, जलवायु वैज्ञानिक, युवा, शिक्षाविद एक साथ जुट रहे हैं। ग्लोबल साउथ से युवाओं और महिलाओं की आवाज़ को आगे रखते हुए की जाने वाली यह चर्चा ग्लास्गो में होने वाले COP26 में योगदान देगी
वेटलैंड्स: एक बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा
Article |
February 2, 2021
आज वर्ल्ड वेटलैंड्स डे है। दुर्लभ, लुप्तप्राय प्रजातियों, बाढ़ नियंत्रण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में वेटलैंड्स का बड़ा महत्व है लेकिन बढ़ते शहरीकरण, बाँध निर्माण, जलाशयों में अपशिष्ट के प्रवाह के कारण ये वेटलैंड नष्ट हो रहे हैं।
प्रदूषण में कमी के बावजूद लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता रही सामान्य स्तर से अधिक: TERI
Press Release |
February 2, 2021
रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान बॉयोमास के जलने और उद्योगों जैसे क्षेत्रीय स्रोतों ने दिल्ली के वायु प्रदूषण में अपना योगदान दिया।
नई दिल्ली, 02 फरवरी, 2021: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में CPCB के 32 मॉनिटरिंग स्टेशनों के सांख्यिकीय विश्लेषण बताते हैं कि साल 2020 में पिछले साल के मुक़ाबले पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (PM2.5) में 43 फीसदी और नाइट्रोजन ऑक्साइड्स (NOx) में 61 फीसदी की कमी हुई है। ये गिरावट दिल्ली के वायुमंडल में हवा की रफ़्तार कम होने के बावजूद दर्ज की गई है।
हर घर जल: चुनौतियाँ और अवसर
Article |
December 17, 2020
पेयजल आपूर्ति में भारत का अनुभव नया नहीं है। जल जीवन मिशन कार्यक्रम से पहले, ग्रामीण घरों में पेयजल आपूर्ति प्रणाली के प्रावधान में एक बड़ी राशि खर्च की गई थी। 'जल जीवन मिशन' के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में 11,500 करोड़ रुपये रुपए आवंटित किए हैं। इस कार्यक्रम को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को जल्द हल किया जाना चाहिए।
हाथियों के डर से बेख़ौफ़ हुए असम के गाँव: सोलर ने दी आज़ादी
Article |
October 8, 2020
सौर स्ट्रीट लाइट से असम के गाँव में रहने वाले इन लोगों की ज़िंदगी में बदलाव आए हैं। गाँव में नई दुकानें खुल गयी हैं। जिससे लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिले हैं। महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं।