हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन रिपोर्टिंग के लिए मीडिया फ़ेलोशिप
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), इंटरन्यूज़ के अर्थ जर्नलिज्म नेटवर्क के सहयोग से, डिजिटल और प्रिंट पत्रकारों, रेडियो प्रसारकों, वृत्तचित्र / लघु फिल्म निर्माताओं, वीडियो ब्लॉगर्स और अन्य जनसंचार और हिमालय क्षेत्र के लोगों को छह महीने की मीडिया फेलोशिप प्रदान कर रहा है। फेलोशिप का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पत्रकारिता और संचार पर उनकी क्षमता का निर्माण करना है।
यह कार्यक्रम स्थानीय परिस्थितियों पर जलवायु परिवर्तन के व्यापक सन्दर्भ पर काम करने के लिए मीडिया पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए एक साथ लाएगा। यह कार्यक्रम इन पेशेवरों को यह बताने के लिए मार्गदर्शन करेगा कि कैसे जलवायु परिवर्तन के बीच स्थानीय आबादी समाधान ढूंढ सकती है। यह पत्रकारों को अपने अनुसंधान का उपयोग करते हुए सम्बंधित एजेंसियों को जवाबदेह बनाने और ऐसे निर्णयों को चुनौती देने के लिए प्रेरित करेगा जो लोगों और पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं हैं।
एक विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से कार्यक्रम को ऑनलाइन संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम में एक सप्ताह की आरंभिक कार्यशाला शामिल होगी, इसके बाद ऑनलाइन कक्षाओं की एक श्रृंखला होगी, जिसमें जलवायु विशेषज्ञों और संचार अनुभवियों के साथ विचार-विमर्श शामिल है। असाइनमेंट के रूप में, परीक्षार्थी इसके तहत कहानियों की एक श्रृंखला का निर्माण करेंगे जो एक रेडियो कार्यक्रम, पॉडकास्ट, एक लघु फिल्म या समाचार पत्र / पत्रिका लेख हो सकते हैं।
प्रशिक्षण समय सीमा मई-अक्टूबर, 2020 है।
पृष्ठभूमि
सितंबर 2019 में, महासागरों और क्रायोस्फीयर पर जारी द इंटरगवर्नमेंटल पैनल फॉर क्लाइमेट चेंज (IPCC) की विशेष रिपोर्ट के अनुसार हिंदू कुश-हिमालयन (HKH) क्षेत्र, (जो मध्य, दक्षिण और आंतरिक एशिया की उच्च पर्वत श्रृंखलाओं पर फैला हुआ है) तापमान में वृद्धि की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। इस बढ़ते तापमान से ग्लेशियर का आयतन 36 से 64 प्रतिशत तक कम होगा। इससे पानी के बहाव और उसकी उपलब्धता पर भी असर दिखाई देगा।
इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए यह ज़रूरी है कि स्थानीय आबादी को जागरूक किया जाए कि वे जलवायु परिवर्तन का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए, मीडिया पेशेवरों की आवश्यकता है, विशेष रूप से वे लोग जिन्हे जलवायु विज्ञान की समझ है और जो ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और जनता से संवाद करने में सक्षम हैं।
योग्यता
- हिमालय क्षेत्र में क्षेत्रीय मीडिया संगठन या स्वतंत्र पत्रकारिता में 3 साल का अनुभव
- अधिमानतः (आवश्यक नहीं) हिमालय क्षेत्र में स्थित हो
- महिलाओं, मूलनिवासी अल्पसंख्यक समूहों, स्थानीय लोगों, विकलांग लोगों के साथ-साथ 30 वर्ष से कम उम्र के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- भारत, नेपाल, या भूटान का नागरिक हो
- हिमालयी क्षेत्रों पर रिपोर्टिंग का अनुभव
- अंग्रेजी या हिंदी भाषा में बोलने और लिखने की कुशलता
चयन
आवेदकों का चयन निम्नलिखित आधार पर किया जाएगा:
- पर्यावरण रिपोर्टिंग के दो बाय-लाइन, डिजिटल, रेडियो और टेलीविजन जैसे नए माध्यमों - से आए आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, पारंपरिक प्रिंट मीडिया से उच्च गुणवत्ता वाली प्रविष्टियों पर भी विचार किया जाएगा। क्षेत्रीय भाषा में लिखे या बनाये गए नमूने , साथ में अंग्रेजी में सारांश प्रस्तुत करें।
- कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने मीडिया संगठन से सहमति पत्र भी भेजें ।
- फेलोशिप के लिए आवेदन करने के लिए आपकी प्रेरणा पर दो मिनट के वीडियो में बताएं।
चयन के बाद
- चयनित उम्मीदवार नई दिल्ली या नैनीताल में एक सप्ताह तक आरंभिक कार्यशाला में भाग लेंगे।
- चयनित उम्मीदवारों को 20 सप्ताह के दौरान हफ्ते में 3 - 4 घंटे की ऑनलाइन कक्षाएं दी जाएंगी।
- उनके प्रदर्शन का आकलन एक वरिष्ठ पत्रकार की सलाह के तहत, उनके क्षेत्रों से निर्मित कहानियों के आधार पर किया जाएगा।
- कार्यक्रम के तहत किया गया काम TERI द्वारा मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा , जिसमें एक समर्पित इंटरनेट रेडियो भी शामिल है।
आवेदन कैसे करें
इच्छुक पत्रकार 8 अप्रैल, 2020 तक आवेदन के लिए इस फॉर्म को भर सकते हैं।
फॉर्म भरने में किसी तरह की समस्या आने पर, सुमित बंसल को sumit.bansal@teri.res.in पर संपर्क करें।
प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान सभी प्रतिभागियों की यात्रा और आवास की सुविधा टेरी द्वारा प्रायोजित रहेगी।