भारत के सामने आर्थिक वृद्धि और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना एक चुनौती है। सतत विकास का रास्ता आर्थिक विकास में भी मदद करेगा। इसके लिए जानिए टेरी के "हरित एजेंडा" को जिसमें बताया गया है कि कौन से हैं वे रास्ते जिन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
भारत लगातार अपनी आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाये रखने की चुनौती से निपट रहा है। इसने हालांकि बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता को अपना कर संक्रमणकालीन प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन अभी वायु प्रदूषण, जल और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी अन्य अनेक चुनौतियों से निपटना है। भारत जब अपनी अगली सरकार का स्वागत कर रहा है, तब टेरी ने एक हरित एजेन्डा पेश किया है जिसमें उन विषयों और निर्णयों पर प्रकाश डाला गया है जिन्हें प्राथमिकता देनी चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सतत्त विकास ही भारत का मूल मंत्र है।
इस हरित एजेन्डा के तहत पांच क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है: